छठ पुजा यह हिन्दुओं के मुख्य त्योहारों में से एक है | यह कार्तिक मास में षष्ठी के दिन मनाया जाता है | इस साल 2023 में अंग्रेजी कैलन्डर के अनुसार 19 और 20 नवम्बर को मनाया जायेगा |
छठ पुजा इस साल 2023 में 17 नवम्बर दिन शुक्रवार से शुरु होकर 20 नवम्बर दिन सोमवार तक चलेगा |
यह पुजा हिंदी पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में षष्ठी को होता है | हिंदी कैलन्डर में यह दिन नहीं बदलता है | हर साल यह इसी दिन मनाया जाता है | यह त्योहार वैसे तो पुरे भारत में मनाया जाता है पर मुख्य तौर पर यह त्योहार उत्तर भारत के बिहार ,झारखण्ड तथा उतर प्रदेश में मनाया जाता है |
इस त्योहार में लोग छठ माता तथा सूर्यदेव की पुजा करते है | इस त्योहार में संध्या काल में डूबते सूर्यदेव तथा प्रातः काल में उगते सूर्यदेव को अर्घ देकर उनकी पुजा करते है | चार दिनों क यह त्योहार इस वर्ष -
November 2023
17 नवम्बर - नहाय खाय
18 नवम्बर - खन्ना ( खरना )
19 नवम्बर - पहला अर्घ ( पहली अर्ग )
20 नवम्बर - दूसरा अर्घ (दूसरी अर्ग )
इस वर्ष 2023 में अंग्रेजी कैलन्डर के अनुसार 19 और 20 नवम्बर को मनाया जायेगा | तथा हिंदी पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के षष्ठी को मनाया जाता है चतुर्थी के दिन उपवास से शुरु होकर सप्तमी को दूसरा अर्घ के साथ समाप्त होता है |
कार्तिक माह , शुक्ल पक्ष
षष्ठी - नहाय खाय ( उपवास )
सप्तमी - खरना
अस्टमी - पहला अर्घ
नवमी - दूसरा अर्घ
छठ पुजा क्यों मानते है ?
इस त्योहार को लोग अपने घर परिवार के सुख, शांति तथा समृधि के लिए मनाते है, यह पुजा अपने पुत्र की लम्बी आयु के लिए भी करते है |
एक कारण और भी - क्यों मानते है छठ पुजा वास्तव में देखा जाये तो छठ महापर्व प्रकृति और संस्कृति का मेल है, इसे नए फसलो का उत्सव भी कहा जाता है | इस पर्व में सूर्य ,अन्न तथा जल (प्रकृति) की पूजा की जाती है कार्तिक माह में हमे मुख्य नए नए फसल उगते है, हम अन्नाज जैसे की चावल , आलू , फल, फुल इत्यादि मुख्य फसल की उपज होती है और किसान उसे अपने ग्रहण करने से पहले प्रकृति को धन्यवाद स्वरूप चढाते है तथा पञ्चतत्वों ( आकाश,वायु ,अग्नि, जल, पृथिवी ) की पूजा करते है | इस पूजा को छठ पर्व के नाम से जाना जाता है |
धन्यवाद |
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